मै एक बिज़नस मेन हु और सारी दुनिया घूमता रहता हु | मै सुविधा और
आराम की वजह से केवल बिज़नस क्लास मे यात्रा करता हु | मेरे पास
काफी रुपया- पैसा है, लेकिन सेक्स और संभोग मेरी कमजोरी है | सब
लोग तो जाने है, कि हवाईजहाज मे काम करने
वाली लड्किया कितनी सुंदर, कामुक और सेक्सी होती है | मेरे मन
हमेशा से ही उनको चोदने की इच्छा रही है | आज मै आपको अपनी इसी तरह की एक इच्छा के बारे मे बताता हु | एक बार, मै
काफी लम्बी यात्रा पर था और बिज़नस क्लास मे, शायद मै अकेले
ही था | तो, मेरी सेवा के लिए परिचालिका भी एक ही थी | जुली नाम
था उसका; कहीं बाहर देश की रहने वाली थी | सुनहरे बालो वाली बहुत
सुंदर लड़की थी वो | उसकी उम्र कोई २२-२३ होगी | उसका बात
करने के अंदाज़ ने मेरा दिल चुरा लिया था और मै उसको मन ही मन चोदने के सपने देखने लगा | जुली मेरे साथ शुरू से थी और यात्रा का १
दिन निकल चुका था और करीब ६-७ घंटो की यात्रा और बची थी | मै
काफी काम कर चुका था; सो भी चुका था और काफी किताबे भी पढ़
चुका था | जुली से भी काफी देर बाते कर चुका था और उसको अपनी पीए
बनाने का ऑफर भी दे चुका था | उसके बाद वो जिस तरह से मुस्कुराई;
मेरी जान ले गयी |ये ६ घंटे रात के थे | जुली ने बिज़नस क्लास का दरवाजा बंद कर दिया था | अब बिज़नस क्लास पूरी तरह से बंद
था और सिर्फ मै और जुली ही अब वहा थे | मुझे नीद नहीं आ रही थी और
मै एक किताब मे मॉडल के फोटो को निहार रहा था | इतने मे
जुली आयी और मेरी कुर्सी को सोने वाली पोज मे डाल दिया और मेरे
पेरो पे क्रोस करके बैठ गयी और मेरे चेहरे को पकड़ के अपने होठो मेरे
होठो पर रख दिये | उसके होठ काफी रसीले थे और उसकी साँसों मे गर्माहट थी | जुली ने अपने कपडे उतार दिये और बिकनी मे आ गयी |
उसकी बिकनी और पेंटी सिल्की और चमकीले लाल रंग की थी |
जो उसके गोरे बदन को और भड़कीला बना रही थी | उसने जल्दी से मेरे
कपडे उतारे और मुझे पूरा नंगा कर दिया और मुझे सीट पर
पूरा लिटा दिया और खुद घुटनों के बल बैठ गयी | उसने मेरे लंड
को अपने होठो के बीच मे दबा लिया और कामुक तरीके से चूसने लगी | मै मस्ती मे अपनी गांड हिला रहा था | मुझ से ये बैचेनी बर्दाश्त
नहीं हो रही थी | मैने उसके मुह को अपने लंड से अलग किया और उसके
ब्रा-पेंटी को उतार दिया | बिकनी उतारते ही, उसके सेब जैसे लाल और
बड़े चुचे बाहर लटक गये | मैने बिना देरी किये, उनको अपने मुह मे
दबा लिया और बच्चो की तरह उनका दूध निकालने लगा |वो मज़े मे,
सिसकिया लेने लगी और मेरी बाहों मे कसमसाने लगी | मै सीट से उठा और उसको सीट पर लिटा दिया | और
उसको लम्बी टांगो को अपने कंधो पर रख दिया और उसके पेरो को इस
तरह से खोला; कि, उसकी चूत मे मेरे लंड जाने का रास्ता बन जाए |
फिर, मैने अपना लंड उसकी चूत पर रखकर अंदर ठेल दिया | मेरे लंड
थोडा बड़ा था और मोटा भी | उसकी चूत थोड़ी खुली हुई थी; तो, मुझे
कोई परेशानी नहीं हुई | मेरा लंड पूरी तरह से जुली की चूत मे समा चुका था और मै मस्ती मे उसको धक्के मार रहा था |
जुली भी अपनी गांड हिलाहिलाकर मुझे मज़े करवा रही थी |
जुली की हरकतों से मुझे समझ आ चुका था; कि वो २ बार झड चुकी है;
लेकिन, मै अभी बाकी था | तो, उसने मेरी लंड निकल लिया और मुझे
सीट पर बिठा दिया और मेरे लंड को सीधा खड़ा कर दिया और
अपनी चूत को अपने हाथो से खोलकर मेरे लंड पर लगा दिया और खुद को ऊपर नीचे करने लगी |वो पोज मेरे लिए बहुत खतरनाक था |
मेरी पूरी खाल ऊपर नीचे हो रही थी और मुझे थोडा दर्द भी हो रहा था |
लेकिन, जब तक मैने खुद जुली हो हटाया नहीं, उसने हार नहीं मानी और
मेरा २ बार पानी निकाल दिया | जब मैने घडी मे समय देखा, तो हम
करीब २ घंटे सेक्स कर चुके थे | मै और जुली दोनों ही थक चुके थे और
जुली ने मेरे बराबर वाली सीट को मेरी सीट से जोड़ दिया और मेरे से चिपके सो गयी | जब अलार्म बजा, तो उठकर तैयार हो गयी और
सेवा मे हाज़िर थी | उसको बाद मे, मैने अपने ऑफिस मे रख लिया और
उसने मुझे और मेरे दोस्त को मजे दिये | कुछ सालो बाद उसने जाने
को कहा, तो हमने उसको फ्री कर दिया |